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मथुरा पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा

भगवान श्रीकृष्ण की जन्म भूमि की मुक्ति के साथ साथ हिंदुओं को उनका इतिहास याद दिलाने को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के आह्वान पर देश के विभिन्न हिस्सों में निकाली जा रही हिंदू चेतना यात्राएं इंतजामिया कमेटी मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिदन के पक्षकारों को नागवार गुजर रही हैं। इन यात्राओं पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग को लेकर मस्जिद पक्ष ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द के बिगाड़ने की आशंका व्यक्त की है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट हिंदुओं को एकजुट करने, सनातन धर्म की मजबूती और श्रीकृष्ण जन्म भूमि मंदिर को तोड़कर करीब 2.5 एकड़ भूमि पर बनाई गई मस्जिद को हटाकर वहां भगवान का भव्य मंदिर निर्माण कराए जाने के लिए न्यायपालिका से लेकर हिंदुओं को जागरूक करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसी क्रम में धर्म संसद, महा संवाद, हिंदूवादी संगठन, धार्मिक संगठन, साधु संतों से भेंट वार्ता, हस्ताक्षर अभियान और हिन्दू चेतना यात्राएं निकाल रहें है। ये सिलसिला लंबे अरसे से जारी है। महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने 5 मार्च 2025 को मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग को लेकर दिए प्रार्थना पत्र पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। जो कि चार जुलाई को न्यायालय द्वारा सुनाया जाएगा। न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हाल ही इंतजामिया कमेंट शाही ईदगाह मस्जिद के पक्षकारों ने देश भर में निकाली जा रही हिंदू चेतना यात्राओं पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें यात्राओं से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का जो आरोप लगाया है, वह बेबुनियाद है। वह इसका प्रत्युत्तर हाईकोर्ट में देंगे। उन्होंने बताया कि यात्रा संयोजक पहले ही नियक्त किए जा चुके है। जयपुर के संत राजेश्वरानंद महाराज के सानिध्य में एक यात्रा पहले मथुरा आ चुकी है, दूसरी यात्रा पांच जून को वनखण्डेश्वर महादेव मंदिर रामघाट बुलंदशहर के महंत श्री कांताचार्य जी महाराज के नेतृत्व में मथुरा के लिए रवाना होगी। उन्होंने बताया कि तीसरी यात्रा मां वैष्णो देवी मंदिर से संत राजेश्वरानंद जी महाराज मथुरा आ रही है। इन सभी यात्राओं का उद्देश्य हिंदुओं को उनके इतिहास की जानकारी देकर उनको जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि काशी, अयोध्या, चित्रकूट, प्रयागराज, हरिद्वार, ऋषिकेश, पुरी मदुरई, तिरुपति बालाजी, नासिक, मल्लिकार्जुन,12 ज्योतिलिंग, संभल,
उज्जैन, नैमिसरण्य , द्वारिका, नाथ द्वारा, कामाख्या देवी मंदिर आसाम
समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर हिंदू चेतना यात्रा निकली जाएंगी। यहां तक कि इनका दायित्व उत्तराखंड में न्यास के संरक्षक स्वामी उमेश योगी, महाराष्ट्र की जिम्मेदारी पीके पाटिल, श्री एसएम महाराज कपाटे, नैमिश्रण्य के महामंडलेश्वर रामदास जी, अयोध्या में बालक दास, मदुरई में एस कृष्ण लक्ष्मन आदि को सौंपा गया है। ये सभी एक उद्देश्य को लेकर चल रहे है। उन्होंने कहा कि अपने समाज को जागरूक करना क्या कोई अपराध है। इस तरह के प्रार्थना पत्र देकर विपक्षी पक्षकार न्यायालय का समय जाया कर रहे है। जबकि सभी को अपने धर्म का प्रचार प्रसार करने का अधिकार भी संविधान में दिया गया है।

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