मल्लिका हांडा ने कहा दादा एवं पिता दोनों वकील, घर में लोगों का दादा एवं पिता को मिलने के बाद इंसाफ की जगी किरण को देख वकील बनने का लिया था प्रण, युवाओं को संदेश— दृढ़ निश्चय आपको मंजिल तक पहुंचाता
हर एक इंसान की सफलता उसकी सही परवरिश एवं संस्कारों पर निर्भर, बेटी की इस प्राप्ती से मन को सुकून, भगवान के आशीर्वाद से सब कुछ मिलता— वरिष्ठ प्रसिद्ध इमीग्रेशन कंसलटेंट सूरज हांडा
मेलबर्न (आजाद शर्मा)
हर एक इंसान की सफलतापूर्वक जिंदगी की नींव उसकी परवरिश एवं बुजुर्गों से मिले संस्कारों पर टिकी होती है। भारत के इतिहास में पंजाबियों का अहम योगदान रहा है। हम यह बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पंजाब के फगवाड़ा की एक बेटी मल्लिका हांडा ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में वकालत की उच्च शिक्षा ग्रहण कर सुप्रीम कोर्ट की वकील बन एक मुकाम हासिल किया है।
करीब 60 सालों से फगवाड़ा के बेसहारा एवं जरूरतमंद लोगों को इंसाफ दिलाने वाले वरिष्ठ वकील पृथ्वीराज हांडा जो कि किसी पहचान के मोहताज नहीं , बल्कि उनकी पोती ने अपने दादा एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध इमीग्रेशन कंसलटेंट अपने पिता सूरज हांडा की प्रेरणा से वकालत की डिग्री हासिल की है।
सुप्रीम कोर्ट की वकील मल्लिका हांडा ने बताया कि वह 10 साल की थी जब वह अपने माता-पिता सहित ऑस्ट्रेलिया में आ गई थी। उनके दादा एवं पिता दोनों वकील थे। अक्सर दादा की लाडली होने के कारण जब भी लोग अपने कोर्ट केस को लेकर घर में आते तो दादा के साथ बैठने के कारण शुरू से ही मन में वकील बन लोगों की सेवा करने का प्रण कर चुकी थी। लक्ष्य इतना आसान नहीं था, लेकिन बुजुर्गों एवं माता-पिता के सहयोग से आज सुप्रीम कोर्ट की वकील बन सकी हूं। मैं सभी यवाओं को यही अपील करती हूं कि जिंदगी में कुछ भी कर पाना कठिन नहीं है। आपका दृढ़ निश्चय ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाता है। मल्लिका हांडा ने कहा अपने दृढ़ निश्चय के साथ-साथ भगवान का गुणगान करें। आपको खुद ही मार्गदर्शन मिलता जाएगा। उन्होंनेेे बताया कि वह इस समय जोशी लॉयर्स , (प्वाइंट कुक) में अपनी सुनाई दे रही हैं।
बता दें कि मल्लिका हांडा की छोटी बहन भी सुप्रीम कोर्ट के वकील बनने के लिए कानून की उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है। ऑस्ट्रेलिया में भी रह कर भारतीय संस्कारों एवं संस्कृति से जुड़े हुए परिवारों में से एक अहम स्थान रखने वाले परिवार के तौर पर यह परिवार जाना जाता है।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध कंसलटेंट सूरज हांडा ने बातचीत दौरान कहा की यह सब प्रभु की लीला है। प्रभु के आशीर्वाद से ही इंसान को हर सुख मिलता है। उन्होंने कहा कि उन्हें मान है कि उनकी दोनों बेटियां अपने पुश्तैनी पेशे से जुड़कर समाज की सेवा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उनका एक बेटा है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सफलता के पीछे मां की परवरिश एवं बुजुर्गों के संस्कारों का अहम योगदान होता है।