*डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं. इम्यूनिटी सिर्फ उस एक स्ट्रेन की है बाकी के तीन जानलेवा साबित हो सकते हैं*
टारगेट पोस्ट, बटाला
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि कुछ लोगों के मन में गलतफहमी है कि एक बार डेंगू हो जाए तो इम्यूनिटी बन जाती है तो दोबारा नहीं होता।
इसलिए वह सावधान ना भी रहे तो चलेगा। ऐसा बिल्कुल नहीं है बल्कि जिसे एक बार डेंगू हो चुका हो उसे ज्यादा सावधान होने की जरूरत है क्योंकि दूसरी बार अगर किसी को डेंगू होता है तो वह जानलेवा हो सकता है।WHO की रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं. हालांकि, चारों सीरोटाइप एंटीजेनिक तौर से समान हैं. उनमें से किसी एक से संक्रमण होने के बाद सिर्फ कुछ महीनों के लिए क्रॉस-प्रोटेक्शन मिल सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी दूसरे सीरोटाइप की वजह से अगर आपको दूसरी बार डेंगू का संक्रमण होता है तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है. डेंगू का हर अगला संक्रमण ज्यादा गंभीर हो सकता है.डेंगू बुखार से ठीक होने के बाद, आपको संक्रमित करने वाले वायरस के प्रति दीर्घकालिक प्रतिरक्षा होती है – लेकिन अन्य तीन डेंगू बुखार वायरस प्रकारों के लिए नहीं। इसका मतलब है कि आप भविष्य में अन्य तीन वायरस प्रकारों में से किसी एक से फिर से संक्रमित हो सकते हैं। अगर आपको दूसरी, तीसरी या चौथी बार डेंगू बुखार होता है तो गंभीर डेंगू बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसा कि मैं पहले भी बता चुकी हूं सावधानी सबसे ज्यादा जरूरी है 1घर में पानी में उगे हुए पौधे तुरंत बाहर फेंक दें2 मिट्टी वाले गमले में भी पानी उतना ही दें जितना सुख जाए3 बरसात के मौसम में घर के आसपास सड़क पर और छत पर कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दे यदि गली के गढो में बरसात का पानी इकट्ठा हो रहा हो तो वहां पर फरनैल डाल दें क्योंकि यह मच्छर सिर्फ साफ पानी में ही फैलता है अंडे देता है। अपने घर में 24 घंटे मॉस्किटो रेपेलेंट का प्रयोग करें सक्षम नहीं है तो गोबर के उपले जलाएं। फ्रिज में बर्फ वाली चिल्ल टरे भी खाली करें।