Tue. Jul 29th, 2025

 

मथुरा (लक्ष्मीकांत शर्मा)

इलाहाबाद उच्चन्यालय में जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की अदालत में मंगलवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले की दोपहर दो बजे से सुनवाई हुई। एक घंटे से भी अधिक चली सुनवाई के दौरान मंदिर के पक्ष कार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने
मुस्लिम पक्ष की और से दाखिल की गई आपत्तियों का जवाब देते पुन: मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग को जोरदार ढंग से रखा और शपथ पत्र के साथ ही प्रत्युत्तर दाखिल कर दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई को 23 मई की तिथि निर्धारित की है।
हिंदू पक्षकार एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कोर्ट की कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में कोर्ट में मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग की थी, इस पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति दर्ज की। इस मुद्दे पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र के साथ प्रत्युत्तर दाखिल किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि विवादित स्थल के लिए “विवादित संरचना” शब्द का उपयोग करना जरूरी है, ताकि अदालत के रिकॉर्ड में निष्पक्षता और तटस्थता बनी रहे। उन्होंने कहा कि अयोध्या की बाबरी मस्जिद और संभल मामले में भी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया गया था। महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने दावा है कि यह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई थी। साथ यह भी कहा कि अपने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने कभी भी मस्जिद होने की बात स्वीकार नहीं की है और वे लगातार इसकी धार्मिक पवित्रता और वक्फ स्थिति को चुनौती देते रहे हैं।
अगली सुनवाई 23 मई को

अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी। देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है। यह मामला न केवल मथुरा के लिए बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का विषय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed