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DJJS के कार्यक्रम में पहुंची महिलाओं ने मां के महत्व को गहनता से जाना, महिला होने पर गौरव महसूस किया, महिलाएं बोली थैंक्यू DJJS सम्मान के लिए

टारगेट पोस्ट ,मेलबर्न।

मेलबर्न में मदर्स डे के उपलक्ष्य में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) के पीस (PEACE) प्रोग्राम के अंतर्गत एक विशेष कार्यशाला ‘मदर्स – द सुपर हीरो’ आयोजित की गई। यह वर्कशॉप तीन भारतीय साध्वियों—साध्वी तपेश्वरी भारती, साध्वी परमा भारती, और साध्वी शैलासा भारती—द्वारा संचालित हुई, जो दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की संन्यासी शिष्याएँ हैं।

यह आयोजन हॉलिडे इन, 22 साइनॉट स्ट्रीट, वेरीबी में हुआ, जिसमें 250 से अधिक महिलाओं और बालिकाओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों में विभिन्न प्रतिष्ठित महिलाएँ उपस्थित रहीं, जिनमें शिवाली चटले (काउंसलर, ग्रेटर बेंडिगो), सुसन मैकइनटायर और जैस्मिन हिल (काउंसलर, विंधम सिटी), जेनेट मैकगी (सांसद स्टीव मैकगी की पत्नी), डी मिकुल्फे (सांसद सैम रे की प्रतिनिधि), डॉ. दीप्ति सिंह (ट्रिनिटी मेडिकल ग्रुप), प्रज्ञा कांत (कृषि वैज्ञानिक), गीता देवी (अध्यक्ष, HOTA), सोनिला भारद्वाज (वैदिक ग्लोबल), मनिषा शर्मा (ब्राह्मण सभा ऑस्ट्रेलिया) एवं रचना विज शामिल थीं।

कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी शैलासा भारती द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण संगीतमय सत्र से हुई, जिसमें बॉलीवुड के लोकप्रिय गीतों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि माँ केवल संतान की नहीं, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों की निर्माता होती है। इस दौरान फिल्म ‘नीरजा’ का प्रसिद्ध गीत – “हीरा कहाँ, कभी नगीना कहाँ, मुझे क्यों ऐसे पाला था माँ…” – गूंजा यह दर्शाते हुए कि चाहे संसार की दृष्टि में हो न हो, लेकिन एक माँ के लिए उसकी संतान हमेशा अनमोल होती है ।

अगला सत्र साध्वी परमा भारती द्वारा संचालित किया गया, जिसमें बच्चों के पालन-पोषण से जुड़ी बातों को कुकिंग के ज़रिए रोचक अंदाज़ में समझाया गया। प्रतिभागियों ने आलू का परांठा बनाया, जिनका मूल्यांकन कार्यक्रम के गेस्ट द्वारा किया गया और श्रेष्ठ प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। उसके बाद आलू के परांठे से मार्मिक संदेश उद्धृत किए गए कि कैसे बच्चों की परवरिश में अनुशासन और स्नेह के बीच संतुलन बना कर रखना चाहिए।

इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने पारंपरिक भारतीय नृत्यों – गरबा और डांडिया – में भाग लिया। इस उत्सव ने मातृत्व के विविध रंगों और भूमिकाओं को उजागर किया। साध्वी परमा भारती ने बताया कि एक माँ केवल माँ की भूमिका तक सीमित नहीं रहती, बल्कि अन्य कई भूमिकाओं को एक साथ निभाती है, जिसके लिए धैर्य, संतुलन और क्षमाशीलता आवश्यक है।

इसके पश्चात साध्वी तपेश्वरी भारती द्वारा “प्राण-योग फॉर सुपर मॉम्स” नामक विशेष प्राणायाम सत्र संचालित किया गया, जिसमें माताओं को तनाव और मानसिक दबाव से उबरने के लिए सरल एवं प्रभावशाली योगिक उपाय सिखाए गए।

समापन सत्र “मातृत्व के लिए आत्म-जागृति” में साध्वी तपेश्वरी भारती ने सांझा किया कि –
“मातृत्व की पूर्ण अभिव्यक्ति तभी संभव है, जब भीतर की ऊर्जा ब्रह्मज्ञान के माध्यम से संतुलित हो जाए। जब एक स्त्री आत्मिक रूप से जागृत होती है, तभी वह न केवल अपनी संतान की, बल्कि भावी पीढ़ियों की भी पथप्रदर्शिका बनती है। आज दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में यह ज्ञान विश्वभर की महिलाओं को सशक्त बना रहा है।”
शिवाली चटले (काउंसलर, ग्रेटर बेंडिगो) ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा –
“आज, जब हम DJJS के साथ मातृत्व का उत्सव मना रहे हैं, मैं सभी माताओं और दिव्य नारियों को प्रणाम करती हूँ। हम केवल अपनी माताओं को नहीं, बल्कि माँ दुर्गा के रूप में समस्त नारी शक्ति को नमन कर रहे हैं – जो प्रेम, शक्ति और धर्म की प्रतीक हैं। माँ का प्रेम केवल वात्सल्य की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि एक दिव्य ऊर्जा है, जो हमें संबल, संरक्षण और असीम शक्ति प्रदान करती है। आज की हर माँ देवी दुर्गा का जीवंत प्रतिरूप है।”

इस प्रेरणादायी आयोजन को कई स्थानीय प्रयोजकों और सामुदायिक संगठनों का सहयोग प्राप्त हुआ, जिनमें शामिल हैं: टीज़डेल फैमिली मेडिकल सेंटर, एब्सोलूट फाइनेंशियल, ट्रिनिटी मेडिकल ग्रुप, गुर्ज़ोरा होम्स, परफेक्ट वेब डिज़ाइनर, कम्यून हेल्थ सर्विसेज, लोटस फैमिली क्लिनिक, अर्बन ड्रीम रियल एस्टेट, ब्रिलियंट माइग्रेशन क्लब, सैम हेयर एंड ब्यूटी स्पॉट और अन्य। साथ ही सहारा विक्टोरियन एसोसिएशन, लेट्स फीड, वैदिक ग्लोबल, आस्था, AHA, MISC आदि समुदायों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

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