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– संत कांताचार्य जी महाराज के सानिध्य में रामघाट से 5 जून को शुरू होने वाली पदयात्रा 9 जून को आएगी मथुरा
– इससे पहले द्वारिका से आई से आई थी एक यात्रा, तीसरी यात्रा आएगी वैष्णों देवी से
– यात्राओं के संयोजक भी किए गए नियुक्त

मथुरा (पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा /चेतन शर्मा /आदर्श तुली/ सुमित नारंग/ चरणदीप बेदी)

श्रीकृष्ण जन्म भूमि मंदिर ध्वस्त कर मूल गर्भ गृह स्थल पर आक्रांता औरंगजेब ने तलवार के बल पर बनाई मस्जिद को हटा कर वहां पुनः श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण कराने की मांग और सनातन की मजबूती के लिए जारी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास का आंदोलन अब देश दुनिया में नया स्वरूप लेने लगा है। देश के अलग अलग क्षेत्रों से पदयात्रा और वाहन यात्राएं मथुरा की ओर कूच कर रही हैं ।

 

बुलंदशहर में मां गंगा जी के तट रामघाट से पांच जून को शुरू हो रही पदयात्रा नौ जून को मथुरा आएगी। यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले एक यात्रा द्वारिका से मथुरा आई थी। तीसरी यात्रा मां वैष्णों देवी से राजेश्वरानंद जी महाराज की अगुवाई में आएगी। यात्राओं के संयोजक भी नियुक्त दिए गए हैं।

श्री कृष्णा इंटरनेशनल होटल वृंदावन में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने दी। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के संरक्षण में
रामघाट स्थित श्री वन खंडेश्वर महादेव मंदिर के संत श्री कांताचार्य महाराज जी की अगुवाई में 5 जून को श्रीकृष्ण की जन्म भूमि को मुक्त करने की मांग एवं सनातन की रक्षा और मजबूती के लिए हिंदू जन चेतना पदयात्रा मथुरा के लिए कूच करेगी। इससे पहले एक यात्रा संत श्री राजेश्वर जी महाराज के सानिध्य में द्वारका से मथुरा आई थी। एक अन्य तीसरी यात्रा मां वैष्णो देवी मंदिर जम्बू से शुरू होकर मथुरा आएगी। इसकी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया, यात्राएं काशी, अयोध्या, चित्रकूट, प्रयागराज, हरिद्वार, ऋषिकेश, पुरी मदुरई, तिरुपति बालाजी, नासिक, मल्लिकार्जुन,12 ज्योतिलिंग, संभल,
उज्जैन, नैमिसरण्य , द्वारिका, नाथ द्वारा, कामाख्या देवी मंदिर आसाम
समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर हिंदू चेतना यात्रा निकली जाएंगी। इनमें पैदल यात्री, बस, कार स्कूटी व मोटरसाइकिल यात्राएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यात्राओं के संयोजक नियुक्त कर दिए गए।

उत्तराखंड का दायित्व न्यास के संरक्षक स्वामी श्री उमेश योगी, महाराष्ट्र की जिम्मेदारी पीके पाटिल, श्री एसएम महाराज कपाटे, नैमिश्रण्य के महामंडलेश्वर रामदास जी, अयोध्या में बालक दास, मदुरई में एस कृष्ण लक्ष्मन आदि को सौंपी गई है। यात्राओं में हिंदू संगठनों की भागीदारी होगी। न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया कि इसके बाद ये सभी यात्राएं एक साथ अलग अलग शहरों से मथुरा के लिए रवाना होंगी। महामंडलेश्वर डॉ आदित्यानंद जी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए देश भर में शुरू हुई हिंदू चेतना यात्राएं मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी। पद्मश्री डॉ लक्ष्मी गौतम ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होना पड़ेगा। यही समय है, जब हम अब मिलकर न्यास के आंदोलन को सफल बनाए। वृन्दावन के प्रमुख संत गोविंदानंद तीर्थ जी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास का आंदोलन अपने लक्ष्य को प्राप्त करके रहेगा। उन्होंने हिंदुओं से न्यास के आंदोलन में जुड़ने पर बल देते हुए कहा कि हिन्दू चेतना यात्राएं पूरे देश में निकाली जाएं। बुलंदशहर में रामघाट स्थित वन खंडेश्वर जी
महादेव मंदिर महंत कांताचार्य जी महाराज ने बताया कि मां गंगा के चरणबिंदु का आश्रय लेकर के पांच दिवसीय पद यात्रा पांच जून सुबह छह बजे शुरू होगी। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को कब्जा मुक्त कराए जाने और सनातन की मजबूती के लिए ही हिंदू चेतना यात्रा निकाली जा रही है।पदयात्रा में बड़ी संख्या लोग हिस्सा लेंगे। यह यात्रा अलीगढ़ होकर जिले के कस्बा राया के गांव पिरसुआ पहुंचेगी। जो लक्ष्मी नगर जमुनापर होते हुए 9 जून को मथुरा आएगी। समापन के अवसर पर एक सभा का आयोजन होगा।

 

ये है पदयात्रा के पड़ाव स्थल
5 जून- अतरौली
6 जून- अलीगढ़
7 जून- इगलास
8 जून-राया
9 जून- मथुरा

ये रहे मौजूद
मुकेश कौशिक, बौहरे अमित शर्मा,
दिनेश चंद्र शर्मा, मयंक भारद्वाज, संजय यादव, राजीव शर्मा आचार्य, निशू भारद्वाज, मनोज कुमार शर्मा रणजीत सिंह, प्रमोद राजपूत निदेशक दाधीच मेमोरियल स्कूल ।

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