मेलबर्न आजाद शर्मा
साहित्य संध्या वेस्ट एक बार फिर वेस्टर्न मेलबर्न में शुरू होगई है | आज 10 अगस्त को भारत के 79 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में साहित्य संध्या वेस्ट के अंतर्गत काव्य गोष्ठी का आयोजन पुनः सुबह 10 बजे विलियम्स लैंडिंग में किया गया | पाठकों को याद दिला दें साहित्य संध्या वेस्ट, साहित्य संध्या (क्यू) जो क्यू लाइब्रेरी में हर दूसरे माह आयोजित होती है उसकी ही एक शाखा है जो २०१५ में शुरू हुई थी |
जिसका श्रेय श्री सुधीर जुनेजा को जाता है कोविड के प्रकोप से यह साहित्यिक गतिविधि बंद करनी पड़ी थी | इसे पुनः शुरू करने का प्रण श्री प्रशांत टंडन ने लिया है | इस कार्यक्रम में वर्षों बाद लोकल कवि और हिंदी प्रेमी एक बार फिर इकट्ठे हुए जिनमें प्रमुख नाम हैं श्री राकेश रायज़ादा, पश्चिम मेलबॉर्न के जाने माने स्वयं सेवी श्री सतीश पटेल, सुश्री- प्रेम आर्य, सुमन जैन, उर्मिला मिश्रा, जाने माने शायर महेश जानिब जी तथा बाबू परदेसी| कुछ कवि एवं हिंदी प्रेमी अपिरहार्य कारणों से नहीं जुड़ सके|
कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रेम आर्य जी ने बड़े ही रोचक ढंग से किया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता मेलबर्न के जाने माने कवि एवं साहित्य संध्या के प्रमुख संयोजक डा. सुभाष शर्मा ने की | इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता दिवस की झांकी चारो और नजर आ आ रही थी तथा अधिकतर कवियों की कविताएं देश प्रेम पर आधारित थी | कार्यक्रम को और भी रोचक बनाने के लिए फ़िल्मी गीत मास्टर एरिक गुप्ता, श्री बी एल शर्मा जी ने तथा पूनम गुप्ता ने गाये | विशेष आकर्षण का केंद्र जाने माने संगीत कार राज मटुरी जी थे जिन्होंने अपने म्यूजिक सिस्टम के साथ मेडली और कुछ फ़िल्मी गीत प्रस्तुत किये उनकी बेटी श्रेया माटुरी ने एक बहुत सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया वह बॉलीवुड में अपने हिपहॉप नृत्य के लिए जाने जाती है | ताहिर खान ने हास्य और देश भक्ति का प्रदर्शन अपनी रचनाओं से किया | मेनका दवे ने अपने पिता स्वर्गीय श्री रमेश जी की कविता होली और गोली सुनाकर सबको भावुक कर दिया | मशहूर शायर महेश जानिब ने व्यंग शायरी सुनाकर तालिया बटोरी वही बाबू परदेसी ने अपनी नई शायरी से वाह वाह लूटी | प्रमोद तोमर जी ने वीर रस की कविता से सबको सराबोर कर दिया |
रागिनी जी ने पहली वार साहित्य संध्या मंच पर कविता सुनाकर अपने कौशल और कला का परिचय अनोखे ढंग से दिया | डॉ. राजेंद्र नैन जी ने देश प्रेम और शहीदों से जुडी कविता सुनाकर लोगों को भावुक किया | जितेन्द्र जोशी जी मेलबोर्न के जाने माने हिंदी स्टैंडिंग कॉमेडियन चैंपियन हैं उन्होने ने ट्रम्प और टेरिफ पर अपनी रचना सुनाकर लोगों को खूब हंसाया | कार्यक्रम के केंद्र बिंदु पूर्णिमा ढिल्लन थी जो नेता जी सुभाष बोस की आजाद हिन्द फ़ौज के कर्नल गुरुबक्श सिंह ढिल्लन की पुत्र बधु हैं उन्होंने कविता के साथ कुछ रोचक संस्मरण भी साझा किये | उनकी सुपुत्री अस्मिता (ऐश) भी उपस्थित थीं।
यह कार्यस्थल श्री नीरज गोयल जी ने डॉ अजय शर्मा के अनुरोध पर निशुल्क प्रदान किया साहित्य संध्या आप लोगों की आभारी है अनुज गुप्ता ने सफलतापूर्वक पूरे कार्यक्रम का प्रबंधन किया, सभी ने उनकी सराहना की |
अंत में अध्यक्ष ने सभी से अनुरोध किया की भाषा संस्कृति से जोड़ती है अतः अपनी भाषा से जुड़ने के लिए साहित्य संध्या वेस्ट में आप लोगों के अनुरोध पर पुनः प्रारम्भ की गयी है आप आया करें स्वयं रचनाएँ लिखे या दूसरों की सुने और इस बौद्धिक सांस्कृतिक प्रक्रिया में भारत की संस्कृति का प्रचार प्रसार ऑस्ट्रेलिआ में करें | साहित्य संध्या (वेस्ट) तथा साहित्य संध्या (क्यू ) हर दो महीने में अदल बदल कर आयोजित होती है | उन्होंने दो कवितायें सुनाकर सभी कवियों श्रोताओं तथा आयोजन में हाथ बटाने वालों का विशेष रूप से प्रशांत टंडन और अनुज गुप्ता के अनुपम प्रयास के लिए धन्यवाद दिया |
संयोजक साहित्य संध्या (वेस्ट)
साहित्य संध्या मेलबोर्न