गुरु मिलने के बाद भक्त नामदेव सफल हुए, गुरु के बिना आपका जीवन असफल, गुरु के आशीर्वाद से भगवान की परीक्षा में मिलती है सफलता— संत त्रिलोचन दास महाराज
मेलबर्न (आजाद शर्मा)
मेलबर्न के रॉक बैंक में एक श्रद्धालु ने अपने घर में सत्संग का आयोजन किया। सत्संग में सचखंड नानक धाम गद्दीनशीन संत त्रिलोचन दास महाराज ने कहा भगवान सृष्टि के कण-कण में है।
जब आपको यह विश्वास हो गया कि भगवान कण-कण में है तो आप पर हरि कृपा हो जाएगी। भगवान भी अपने भक्तों की परीक्षा लेते हैं। आज से करीब 800 साल पहले महाराष्ट्र में नामदेव नाम के भक्त हुए थे। भक्त नामदेव को करीब 64 बार भगवान कृष्ण के दर्शन हुए थे। लेकिन भक्त नामदेव को भगवान कृष्ण (विट्ठल ) सिर्फ मंदिर में ही विराजमान होने पर विश्वास था।
एक संतों की सभा में जब भगवान के प्रति सच्ची लगन को लेकर एक देवी की तरफ से अपनी दिव्य शक्ति से बताना शुरू किया गया कि भगवान के साथ सच्ची लगन किसकी है तो उससे पहले ही भक्त नाम देव ने देवी को उनके बारे में बताने से पहले ही खुद को भगवान कृष्णा का सबसे बड़ा भक्त कह दिया। इतना कहने से पहले ही देवी ने उन्हें भगवान के प्रति सच्ची लगन न होने के बारे में कहा। भक्त नामदेव इससे दुखी होकर सभा छोड़कर मंदिर में चले गए। वहां पर वक्त नामदेव ने भगवान कृष्ण से संतों की सभा में उनकी भगवान के प्रति सच्ची लगन पर संदेह के बारे में बताया। भगवान कृष्ण ने दर्शन देते हुए कहा कि बिना गुरु के तुम्हारा जीवन अभी असफल है। क्योंकि तुम्हें सिर्फ यही विश्वास है कि मैं इस मंदिर में विराजमान हूं जबकि मैं कम कम मैं हूं। भक्त नामदेव ने कृष्ण महाराज से किसको गुरु बनाने के बारे में पूछा। भक्त नामदेव को गुरु मिलने के बाद भगवान की तरफ से ली गई परीक्षा में भगवान के अन्य रूपों को पहचान के बाद सफलता मिली। संत त्रिलोचन दास महाराज ने कहा कि गुरु के बिना आपका जीवन असफल है। अपने जीवन को सफल बनाने के लिए गुरु धारण जरूर करें। नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने सरबत दा भला, बोलो राम राम के जयकारों से भक्ति मय माहौल का श्रद्धालुओं ने आनंद लिया। यहां पर दीप चौधरी, विकास भारद्वाज, मनजीत सिंह, सूरज हांडा, शिवास हांडा, कुलजीत सिंह, दविंदर सिंह, विकास, दिलबारा सिंह बैंस व अन्य मौजूद रहे।