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मेलबर्न (आजाद शर्मा)

आपका सच्चा प्रेम एवं भाव ही आपको परमात्मा से मिलाता है। हर धर्म ग्रंथ में भगवान ने नाम जपने एवं कीर्तन करने की प्रेरणा दी है। यह प्रवचन सचखंड नानक धाम गद्दीनशीन संत त्रिलोचन दास महाराज ने मेलबर्न में तीसरे दिन सत्संग दौरान कहे।

संत त्रिलोचन दास महाराज ने कहा कि खुद को हरि शरणम करने से आपके दुखों का निवारण भगवान खुद करते हैं, बल्कि हरि शरणम होने से आपके पास दुख आते ही नहीं। उन्होंने कहा कि बाणी में दर्ज है कि हरि की कथा सबसे उत्तम है।

उन्होंने ने एक प्रसंग दौरान बताया कि 10 साल के बालक भक्त धने के भगवान  ठाकुर के प्रति सच्ची श्रद्धा से ही उसने भगवान को पाया था। भगवान ने भी अपने भक्त के खेतों में बैल की जगह खुद हल चलाया था। क्यों भगवान अपने भक्त के सच्चे प्रेम एवं भाव को देखते हैं।

उन्होंने दूसरे प्रसंग में बताया कि भगवान हनुमान ने अपने गुरु भगवान राम की हर समय सेवा की है। भगवान हनुमान की सेवा से भगवान राम सदा ही प्रसन्न रहे हैं। हमें भी अपने भगवान एवं गुरु की सेवा में तत्पर रहना चाहिए। सेवा कभी मुक्ति नहीं, ना ही रुकती है। महाराज के प्रवचनों एवं कीर्तन से श्रद्धालु गदगद हुए।

वहीं , संत त्रिलोचन दास महाराज ने एक भक्त की प्रार्थना पर एक छोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाकर रुद्राभिषेक किया। सत्संग दौरान संगतों ने ऊं नमः शिवाय, नानक नाम चड्दी कला तेरे भाने सरबत था भला के जयकारे लगाए। यहां पर दास दीप चौधरी, विकास भारद्वाज, सूरज हांडा, विशाल शर्मा, चंद्र शर्मा, एचपी भारद्वाज, राकेश रायजादा, राहुल बब्बर, रविशर्मा , अंकित प्रभाकर, जगमोहन सिंह, देव चंचल, अर्जुन कुमार, सौरभ शर्मा, मनजीत सिंह, दीपक कालिया , ऋषि प्रभाकर, रंजन श्रीवास्तव , राजन शर्मा, सुमंत व अन्य मौजूद रहे।

 

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