मेलबर्न (आजाद शर्मा)
सनातन धर्म में बेटियों एवं महिलाओं को अहम स्थान दिया जाता है एवं रिश्तो के रूप में इनकी पूजा भी की जाती है। ऐसा ही एक दृश्य तब देखने को मिला जब ऑस्ट्रेलिया के (बैलारट) में एक (ब्राह्मण)कालिया परिवार की तरफ से घर में नवजन्मी बेटी के घर आगमन दौरान भारतीय संस्कारों के साथ ढोल पर नाच कर एवं आरती करके बेटी के रूप में घर की लक्ष्मी का गृह प्रवेश करवाया गया।
वहीं नव जन्मी बच्ची का इस तरह भारतीय संस्कारों के साथ आगमन को आसपास के लोगों ने सराहा। नव जन्मी बच्ची के पिता दीपक कालिया (वरिष्ठ सदस्य, ब्राह्मण सभा ऑस्ट्रेलिया) ने बताया कि उनका पहला बच्चा है। वह भगवान का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने उनके घर में बेटी के रूप में घर की लक्ष्मी भेजी है।
उन्होंने कहा कि उनके पिता दविंदर कालिया एवं माता कमलेश कालिया के मन में उत्साह था की नव जन्मी बच्ची का भारतीय संस्कारों के साथ घर में आगमन हो। पूरे घर को दुल्हन की तरह सजाया गया।
उन्होंने बताया कि नव जन्मी बेटी की मां अर्चना कालिया का मानना है कि हर एक घर में एक बेटी का होना बहुत जरूरी है। आज के युग में बेटी बेटों में कोई अंतर नहीं है। समाज के लोगों को भी बेटियों को बेटों को एक समान देखना चाहिए। क्योंकि भगवान आपके घर में बहुमूल्य ही जीव भेजता है। वहीं नवजन्मी बेटी के दादा दविंदर कालिया एवं दादी कमलेश कालिया ने कहा कि वह पंजाब के कपूरथला के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हमारे भारत के संस्कार तो अगर हम भूल जाएंगे तो हमारे बच्चे भी अपने संस्कारों से दूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि घर की लक्ष्मी का जिस तरह स्वागत होना चाहिए उन्होंने अपने रीति रिवाज के अनुसार वैसा ही किया है।