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मथुरा (पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा)

श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति आंदोलन रविवार को एक नया मोड आ गया। गोवर्धन रोड स्थित जीएस फार्म में प्रथम यात्रा के समापन कार्यक्रम में देश के चारों कोनों से विशाल यात्राएं मथुरा के लिए निकलने का निर्णय लिया गया। इसकी शपथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने उपस्थित विभिन्न प्रांतो से आए लोगों को दिलाई।
संयुक्त भारतीय धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर ने श्री कृष्ण जन्मभूमि भक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि जिस तरह वह श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए जन जागरूकता अभियान के साथ साथ जो यात्राएं निकल रहे हैं।

अब ये यात्राएं देश की चारों दिशाओं से आरंभ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि आचार्य राजेश्वर ने कहा कि वे पिछले एक वर्ष से इस आंदोलन के अंतर्गत संपूर्ण भारत में श्री कृष्ण जन्मभूमि की वास्तविक वस्तु स्थिति के बारे में लोगों को जागृत करने का काम कर रहे हैं , इस यात्रा के बाद रामेश्वरम से मथुरा जगन्नाथ पुरी से मथुरा तथा वैष्णो देवी से मथुरा तीन और यात्राएं इस वर्ष में होगी तथा उसके बाद मथुरा से पैदल चलकर दिल्ली पहुंचेंगे तथा दिल्ली में जनसभा व संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। श्री कृष्ण जन्म भूमि भक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने यात्राओं को सफल बनाने और मूल गर्भ गृह स्थान पर भगवान श्री कृष्ण का भव्य मंदिर का निर्माण होने तक आंदोलन को निर्बाध गति से जारी रखने की शपथ दिलाई ।

उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद बनी है, वहीं भगवान श्री कृष्ण के जन्म का मूल गर्भ गृह है। श्री कृष्ण जन्म भूमि की भूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर वहां भव्य मंदिर निर्माण कराने का मुकदमा वह अदालत में लड़ रहे हैं। उन्होंने न्यायालय में विचाराधीन विवाद की ताजा जानकारी भी उपस्थित जन समूह को दी और कहा कि न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्म भूमि को तोड़े जाने की घटनाओं का जिन पुस्तकों में उल्लेख किया गया है उन सभी पुस्तकों को साक्ष्य के रूप में कोर्ट के समक्ष रखा गया है। अब इस केस में वाद बिंदु तय किए जाने है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष ने महमूद गजनवी से लेकर औरंगजेब तक मंदिरों को तोड़े जाने और हिंदुओं पर किए गए जुल्म अत्याचार की ऐतिहासिक तथ्यात्मक जानकारी भी दी और कहा के अब भगवान श्री कृष्ण का भव्य मंदिर ठीक उसी तरह से मथुरा में बनेगा, जिस तरह से अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य हुआ है। हिंदू जन जागृति समिति के राष्ट्रीय मार्ग दर्शक डॉ चारुदत्त पिंगले ने कहा कि अब हिंदुओं को जागना होगा। उनको अपनी उपासना पद्वति का ज्ञान करना होगा। तभी सनातन और हिंदू संस्कृति की रक्षा हो पाएगी। कार्यक्रम का संचालन कर रहे ज्ञानम फाउंडेशन महंत दीपक बल्लभभाचार्य ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि की मुक्ति के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा।

द्वारिका से आई कृष्ण रथ यात्रा का हुआ समापन
मथुरा
घाटा मेहंदीपुर पीठाधीश्वर सिद्ध पीठ धाम महंत डॉ नरेशपुरी जी महाराज के सानिध्य में द्वारिका से आई श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति आंदोलन यात्रा का नेतृत्व आचार्य राजेश्वर जी महाराज कर रहे थे। यह पहली यात्रा है, अब सितंबर में दूसरी यात्रा आरंभ होगी। यह यात्रा राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों से होकर मथुरा पहुंची। यात्रा का श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने स्वागत किया। इस मौके पर कवि केसी परवाल सरल ने लिखे ग्रन्थ श्रीकृष्णंम का भी विमोचन किया गया। यात्रा के दौरान एक वर्ष यात्रा मार्ग में 250 से अधिक पड़ाव हुए। श्री कृष्णम महाकाव्य के रचयिता डॉ कैलाश परवाल, ज्ञानम फाउंडेशन के अध्यक्ष महंत दीपक वल्लभ गोस्वामी, महामायापीठ के स्वामी श्री गोपाल शरण महाराज, पंडित नंदकिशोर दयालपुरा, विश्व की सबसे छोटी गीता की रचना करने वाले डॉक्टर राम सिंह राजोरिया अधिवक्ता पूर्व विधायक हुकमचंद तिवारी, अधिवक्ता आदित्य तिवारी, न्यास के मीडिया प्रभारी मनोज चौधरी, पंकज शर्मा आदि मौजूद रहे।

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