Wed. Jul 30th, 2025

मथुरा ( पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा)

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने श्री कृष्ण जन्म स्थान पर कब्जाई भूमि को मुक्त कराए जाने के लिए संगठित होने का आह्वान करते हुए कहा कि जिस स्थान पर वर्तमान में मस्जिद बनी है वही स्थान हमारे आराध्य श्री कृष्णा का मूल गर्भ गृह है।

उन्होंने कहा कि वहां से मस्जिद हटेगी और एक दिन उस स्थान पर भगवान का भव्य मंदिर भी बनकर रहेगा। इस दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी। रविवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं श्री कृष्ण जन्मस्थान केस के हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट वृंदावन परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीबृजधाम आश्रम के 13 वें वार्षिकोत्सव को संबोधित कर रहे थे। महामंडलेश्वर स्वामी अन्नतानंद जी महाराज की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के मामले को उठाते हुए कश्मीर के पहलगाम स्थित बैंसरन घाटी नरसंहार की भी कड़े शब्दों में निंदा की।

हिंदुओं को आगाह किया और कहा के अब वक्त आ गया है कि हम सब मिलकर के हिंदुओं पर हमला करने वालों को करारा जवाब दें। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराए जाने का आंदोलन अब देश-विदेश में फैल चुका है और। जल्द ही आंदोलन एक विशाल रूप धारण कर लेगा। उन्होंने बताया कि छह मई को कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद को बाबरी मस्जिद की तरह विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र देंगे। उन्होंने विधर्मियों को चेतावनी दी और कहा के हिंदुओं को कमजोर न समझे जाए। वह जाग गया और अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेगा। महामंडलेश्वर स्वामी अन्नतानंद जी महाराज ने कहा कि अब भक्ति के साथ-साथ शक्ति का भी समावेश होना चाहिए। तभी हम मठ मंदिरों और हिंदुओं की सुरक्षा कर पाएंगे। उन्होंने श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए चलाए जा रहे श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया। साथ ही विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों की जानकारी महाराजश्री ने दी। कार्यक्रम में मौजूद साधु संतो ने महाराजश्री द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक प्रकल्पों की तहेदिल से सराहना करते हुए कहा के महाराजश्री के सानिध्य में जो प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। वह हमारी संस्कृति, सभ्यता और हिंदू धर्म को भी मजबूती प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होंगे। अंत में श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराकर वहां एक भव्य विशाल मंदिर बनाने का संकल्प लिया। संत डॉक्टर आदित्यानंद जी महाराज कृष्णानंद महाराज रामविलास चतुर्वेदी समेत कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु संत मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed