मेलबर्न (आजाद शर्मा)
ओम फाउंडेशन की तरफ से आयोजित ऑनलाइन बालकांड श्री रामचरितमानस पाठ के नौवें दिन की कथा में गुरु का अपमान करने पर भगवान शिव ने अपने भक्त को कठोर तपस्या से मिलने वाले वरदान की जगह श्राप दे दिया था।
पुजारी पुनीत ठाकुर ने श्री रामचरितमानस पाठ दौरान पहले विश्व के कण – कण में बसे सनातनियों को श्री रामनवमी पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि हर एक इंसान की जिंदगी में गुरु का अहम महत्व होता है। गुरु अपने शिष्यों की गलतियों को बुलाकर भी उसे हरि से मिलाता है। पुजारी पुनीत ठाकुर ने बताया कि काकभुशुण्डि एक शिव भगत हुए हैं। उन्होंने अपने गुरु के ज्ञान से भगवान शिव की कठोर तपस्या की। बताते हैं कि काकभुशुण्डि ने अपने गुरु को नजरअंदाज किया था। भगवान भोलेनाथ ने काकभुशुण्डि को गुरु का अपमान करने पर 100 जन्म सांप बनने का श्राप दिया था।
बताते हैं कि गुरु की वंदना के बाद भगवान शिव ने काकभुशुंडि को उस श्राप से उसे 100 बार जन्म लेने उपरांत जब मर्जी उसे शरीर से बाहर निकाल कर आने का आशीर्वाद दिया। पुनीत ठाकुर ने बताया कि अगले जन्म में काकभुशुण्डि ने फिर से अपने गुरु का अपमान किया तो उसे कौंवे की योनि में जाने का श्राप मिला था। फिर से गुरु का अपने शिष्य के प्रति स्नेह से भगवान की वंदना करने के बाद उसे उस श्राप से मुक्ति का रास्ता मिला था। इस योनि में उसने भगवान राम की कठोर तपस्या की जिससे उसे भगवान राम के अवतार के दौरान भगवान राम के साथ रहने का सौभाग्य मिला। बताते हैं कि भगवान ने प्रसन्न होकर उसे मोक्ष दिया। उन्होंनेे कहा कि भगवान शिव गुरु का सम्मान करते हैं। भारतीय सभ्यता में को सबसेेेेे ऊपर का स्थान दिया गया है। यहांं पर ओम फाउंडेशन अध्यक्ष प्रीति धीमान, शेखर, तरुण शर्मा, वंदना, कैप्टटन सुभाष चौहान, राहुुल शर्मा (स्पेन), आशना शर्मा, चित्रा चौहान, नीलम, भव्य शर्मा, रचना शर्मा,एस कोंडा व अन्य मौजूद रहे।