*5 घंटे से ज्यादा खड़े रहना कहीं बीमारियों को जन्म दे सकता है*
टारगेट पोस्ट, पंजाब।
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार एवं पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जितना लंबे समय तक बैठना आपके दिल के लिए हानिकारक है, उतना ही लंबे समय तक खड़े रहना भी। जब आप बहुत देर तक खड़े रहते हैं, तो आपका रक्त आपके पैरों में जमा हो जाता है और शरीर के चारों ओर ठीक से प्रसारित नहीं हो पाता है।
वास्तव में, जिन हिस्सों को इसकी आवश्यकता होती है, वहां रक्त को समान रूप से वितरित करने के लिए नसों को दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है।लंबे समय तक खड़े रहने या अचानक पीठ के बल खड़े होने के दौरान शरीर में होने वाला बुनियादी शारीरिक परिवर्तन यह होता है कि पैरों में रक्त का जमाव बढ़ जाता है। इससे शिरापरक वापसी कम हो जाती है, और इसलिए कार्डियक आउटपुट कम हो जाएगा, जो अंततः सिस्टोलिक रक्तचाप में गिरावट (हाइपोटेंशन) का कारण बनता है। ज्यादा देर खड़े होने के कारण रीढ़ का लचीलापन कम होता है। एड़ी, पिण्डली घुटनों में दर्द भी हो सकता है। एड़ी पर ज्यादा वजन देकर खड़े रहने से नितम्ब ढीले हो जाते हैं और पेट आगे जाता है। लगातार इस प्रकार खड़े रहने पर रीढ़ पर दबाव बनता है और हम जल्दी थकान महसूस करने लगते हैं साथ ही हमारा मन सुस्त हो जाता है।एक्सपर्ट्स के मुताबिक, काम के बीच हर 30 मिनट में 20 मिनट बैठने के बाद 8 मिनट तक खड़े रहना चाहिए और 2 मिनट तक घूमना चाहिए. यह औसतन पूरे काम में 32 बार खड़े होने और बैठने के बराबर है. हालांकि, लंबे समय तक खड़े रहना मांसपेशियों, हड्डियों, नसों, और पीठ के निचले हिस्से के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे मांसपेशियों में थकान, पैरों में सूजन, और पीठ, कूल्हे, घुटने, टखने, और पैरों में दर्द हो सकता है. इसलिए, अगर आप घंटों खड़े रहकर काम करते हैं, तो आपको अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहने की ज़रूरत है.
डॉ अर्चिता महाजन रोज सुबह 10 00 बजे से 12 00 बजे तक सेवा भारती सेवा धाम कपूरी गेट और दोपहर बाद 3 00 बजे से 5 00 बजे तक मंदिर श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ हंसली ब्रिज बटाला (सरपरस्ती अधीन भगत श्री कुणाल जी)क्लीनिक में सेवा में उपलब्ध है